sarswati vandna सरस्वती माँ की वंदना
सरस्वती वंदना
माँ शारदे हंस वाहिनी
वीणापाणि ब्रह्ममाभामिनी
कलास्वामिनी जग तारदे। ।
तू ही राम है तू रहीम है सर्व धर्म प्रार्थना

ह्रदय गगन में , मर्त्य भवन में
मुक्त पवन में , हर एक मन में
जग जीवन में रश्मि कर दे
माँ शारदे हंस वाहिनी ……………….. ।।
ये मालिक तेरे बन्दे हम ऐसे हो हमारे कर्म
ज्ञानहीन हूँ मैं , ध्यानहीन हूँ में
बुद्धिहीन हूँ विवेकहीन हूँ
अज्ञानी हूँ मैं ,ज्ञान भर दे
माँ शारदे हंस वाहिनी ……………….. ।।
तेरी है जमीं तेरा आसमा तू बड़ा गीत
मां सरस्वती को विद्या और कला की देवी माना जाता है और भारत में संगीतकारों से लेकर वैज्ञानिकों तक हर कोई ज्ञान-प्राप्ति और मार्गदर्शन के लिए मां सरस्वती देवी से प्रार्थना करता है। मां सरस्वती के भक्त सौभाग्य-प्राप्ति के लिए रोज़ सुबह सरस्वती वंदना मंत्र का पठन किया करते हैं। हर किसी के लिए इस वंदना के – अर्थात गीत के अलग-अलग मायने हैं। अर्थात यदि एक विद्यार्थी ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है तो एक संगीतकार सुर-ताल इत्यादि की जानकारी के लिए।
यह वंदना सरस्वती पूजन के दिन जरूर पढ़ी जाती है | इसका बहुत महत्व होता है | अगर आप चाहे तो इस पेज को आप बुकमार्क कर सकते हैं ताकि आप बाद में जरूरत पड़ने पर कभी भी कहीं भी पढ़ सकते हैं | हमारे अनुसार यहाँ बार दिए हुए बोल बिलकुल सही है | अगर तब भी आपको कुछ गलत लगे तो जरूर बताएं |
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ये प्रार्थना बहुत अच्छी है
Right. Gosai ram
बहुत अच्छी वंदना है, माता सरस्वती का आशीर्वाद सब पर बना रहे